सर्वे के अनुसार राजस्थान में सभी बच्चों के पास तो छग में 72% के पास डिजिटल उपकरण हैं। पत्रिका ने जब ग्रामीण इलाकों में बच्चों और उनके परिजनों से बात की तो उनका कहना था कि अभी घर चलाना ही मुशिकल हो रहा है, ऐसे में मोबाइल फोन हम कहां से लाएं।
ऑनलाइन पढ़ाई से महरूम लाखों बच्चे
प्रदेश में लाखों बच्चे मोबाइल फोन के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। यहां सरकारी स्कूलों में 90 लाख से ज्यादा बच्चे हैं। ऐसे में 60 लाख बच्चे पढ़ाई से महरूम हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और नेटवर्क की समस्या है।
चार भाई-बहन घर चलाना मुश्किल
होशंगाबाद, आदगगढ़ पहांडिया के बाद निचली बस्ती में रहने वाला 10 वर्षीय अर्जुन कठोरिया आइटीआइ माध्यमिक स्कूल में छठवीं का छात्र है।अर्जुन की पढ़ाई बंद रही।अर्जुन ने बताया, पिता मजदूरी करते हैं। हम चार भाई-बहन हैं, ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। मोबाइल कहां से लाएं।
ऑनलाइन से अंजान
विदिशा जिला मुख्यालय पर महलघाट के पास झुग्गी के बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से अंजान हैं। खुशबू और रजनी पांचवीं तो जानकी सातवीं की छात्रा है। इनकें माता- पिता मजदूरी करते हैं। मोबाइल खरीदना इनके लिए मुश्किल है।
150 बच्चे, फोन 50 पर
बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 70 किमी दूर देड़तलाई के आठवीं के छात्र शिवा के पास मोबाइल नहीं है। वह ऑनलाइन पढ़ाई से दूर है। प्रधान पाठक केदार का कहना है कि स्कूल में 185 बच्चे हैं, लेकिन स्मार्ट फोन सिर्फ 50 के पास है।
कहां से खरीदूं फोन
शहडोल के कल्याणपुर में आर्थिक तंगी के बीच स्मार्ट फोन न होने की वजह से एक परिवार के तीन बच्चे पढाई से दूर हैं। बच्चों ने स्कूल में मोबाइल न होने की वजह भी बताई। स्कूल प्रबंधन ने आवेदन तो ले लिया, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की। पिता राजेन्द्र यादव का कहना है कि तंगी के कारण ऑटो की किस्त नहीं दे पा रहा, मोबाइल कैसे खरीदूं।
डेढ़ साल से बंद है पढ़ाई
सतना में कोरोना ने बिरला रोड निवासी मोहन से काम, तो उसके बेटे से शिक्षा छीन ली। बेटा लव छठवीं का छात्र है। मोबाइल के अभाव में डेढ़ साल से वह ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पाया। पिता ने कहा स्कूल बंद है। सरकार ने कॉपी किताब दी नहीं। ऐसे में बच्चा पढांई कैसे करेगा।